कार्मिक विभाग राज्य के 164 आरएएस अफसरों की वरिष्ठता को दरकिनार करके नागरिक गृह रक्षा विभाग के बिजेंद्र सिंह को आईएएस बनाने की तैयारी कर ली है। अन्य सेवा से आईएएस में प्रमोशन के लिए 31 दिसंबर को होने साक्षात्कार के लिए जिन 20 नामों को भेजा गया है, उनमें बिजेंद्र सिंह का नाम भी शामिल है।
इनकी वरिष्ठता सबसे कम है। पिछले साल भाजपा सरकार ने इन्हीं के लिए अनुभव के अनिवार्यता को 18 से घटाकर 17 साल कर दिया था। रोचक तथ्य यह भी है कि सरकार की ओर से जितने भी नाम आयोग को भेजे गए है। उससे पहले के आरएएस अफसर आज भी आईएएस में प्रमोशन के लिए इंतजार कर रहे।
राज्य सरकार की ओर से चार पदों पर अन्य सेवा से आईएएस में प्रमोशन के लिए जिन 20 अफसरों के नाम दिल्ली भेजे गए है। उनमें सभी अफसर 1992 से 1999 बैच के बीच के है। जबकि 1991 बैच के महेंद्र कुमावत सहित 13 आरएएस अफसरों का अभी तक प्रमोशन नहीं हुआ है। अगले साल 2020 में उनका नंबर आएगा।
कार्मिक विभाग ने एक ऐसे अफसर का नाम भी आईएएस के लिए भेजा है, जिसे पहली बार सरकार ने मैन पावर के तौर पर रखा था। उसके बाद में एडाक और नियमित किया गया था। इसको लेकर आरएएस अफसरों की ओर से सवाल खड़ा किया जा रहा है कि जिस संयुक्त परीक्षा में वे सबसे अधिक नंबर लेकर आए, लेकिन वे आईएएस नहीं बन पाए।
जो लोग कई साल बाद कम नंबर लेकर आए, आज उन्हें राज्य सरकार उनके ऊपर आईएएस बनाकर बैठा रही है। पिछले दो साल से आरएएस एसोसिएशन की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है। पिछले साल आरएएस एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष पवन आरोड़ा की ओर से किए गए विरोध के बाद प्रमोशन प्रक्रिया रोक दी गई थी। इस साल एसोसिएशन के अध्यक्ष शाहीन अली की ओर से बड़े पैमाने पर विरोध किया जा रहा।
इन 20 अफसरों को साक्षात्कार के लिए बुलाया
अकुल भार्गव, डा.आंनद, अरविंद जैन, विजेंद्र सिंह, डा.घनश्याम बैरवा, एचके जुनेजा, हेम पुष्पा शर्मा, इंदर सिंह, जेके चारण, केशर सिंह, डा. महेंद्र, मुकेश माहेश्वरी, ओम प्रकाश बैरवा, राजेंद्र सिंह तवर, राशिद खान, शरद मेहरा, सीता राम जाट, सुभाष आर्य, सुधीर शर्मा और विजय कुमार शर्मा का नाम शामिल है।